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Showing posts from November, 2022

गुरु मिले तो बन्धन छूटे!अनोखा रहस्य: तोता जो पंडित से ज्यादा ज्ञानी निकला।

" दोस्तों , सुनते आ रहे हैं कि भगवान का नाम लेने से सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। लेकिन आज की Hindi Kahani में एक तोते ने इस बात को झूठ साबित कर दिया! यह Tota aur Pandit ki Kahani हमें बताती है कि तोते ने पंडित को झूठा क्यों कहा ? यह Motivational Story भारतीय संस्कृति में Guru ka Mahatva बहुत ही सुंदर ढंग से समझाती है।कैसे एक गुरु की छोटी सी युक्ति ने वो कर दिखाया जो सालों का शास्त्र ज्ञान नहीं कर पाया। यह Spiritual Story आपकी आँखें खोल देगी।" rani tota aur guru   भारतीय संस्‍क़़ति में गुरू का स्‍थान , सर्व श्रेष्‍ठ माना गया है।गूरू का स्‍थान , ईश्‍वर से भी उपर है। गुरू के मार्ग दर्शन के बिना मुक्ति पाना संभव नही है। गुरू के युक्ति से ही मुक्ति है। आईए एक कहानी से इस परम सत्‍य को समझते हैं।      बहुत समय पहले की बात है।एक राज्‍य में , एक राजा हुआ करता था। उनकी रानी बहुत ही भक्ति भाव वाली स्‍त्री थी। उस नगर का प्रसिध्‍द पंडित प्रतिदिन रानी को कथा सुनाने महल मे जाया करते थे । कथा के अंत में पंडित प्रतिदिन कहते ,    “ हरि बोलो तो बंधन छ...

यह मेरी समस्या नहीं है! | एक चूहेदानी और 3 मौतें | Best Hindi Moral Story

  हम अक्सर अपनी जिंदगी में यह कहकर पल्ला झाड़ लेते हैं कि ' छोड़ो यार , यह मेरी समस्या नहीं है ' (It's not my problem) । लेकिन यही सोच कितनी खतरनाक हो सकती है ? आज की यह Hindi Kahani एक चूहे , एक चूहेदानी और घर के पालतू जानवरों से संबंधित है। यह Motivational Story में हमें सिखने को मिलेगा कि कैसे एक छोटी सी अनदेखी पूरे परिवार या समाज के विनाश का कारण बन सकती है। यह Chuha aur Chuhadani की कहानी है जो हमें ' सामाजिक सरोकार ' और ' सहानुभूति ' (Empathy) का सबसे बड़ा पाठ पढ़ाती है। आइए पढ़ते हैं कि कैसे कबूतर , मुर्गा और बकरा अपनी ही बेपरवाही का शिकार बने , जबकि चूहा बच निकला ।" हम सभी के जीवन में कभी न कभी ऐसी मुसीबत भी आती है जो हमारी बेपरवाही के कारण पैदा होता है । हम समय रहते उसका निदान कर देते तो ऐसे मुसीबत में नही फसते। कोई न कोई जाने अनजाने हमे भविष्य में आने वाली   समस्याें के बारे सूचित करता ही है। किंतु हम अपने आराम परस्त जीवन को कष्ट देना नही चाहते। या फिर हम उसे किसी और की समय समझ कर गंभीरता से नहीं सोचते।अंततः समाज के एक तबके के लिए उत्पन्न समस्...

बुद्धिमान चाणक्य

      चाणक्य बहुत ही बुद्धिमान थे।उनकी बुद्धिमत्ता से सभी प्रभावित थे।किंतु चाणक्य सामान्य जीवन जीते थे। सबको यह मालूम था कि वे बहुत ही सरल और सादा जीवन व्यतीत करते थे। गंगा के किनारे उनकी एक सामान्य सी कुटिया थी, जिसमें वे रहते थे।  चाणक्य         राज्य में उनके अनेक शत्रु थे। शत्रुओं को लगता था कि चाणक्य ने अपने ज्ञान और चातुर्य से बहुत दौलत जमा कर रखी है। और वे लोगों को मूर्ख बनाने के लिए साधारण जीवन व्यतीत करते हैं। इसी भ्रम में उनके विरोधियों ने मिलकर गंगा-किनारे की उनकी झोंपड़ी में रात को आग लगा दी। चाणक्य उस समय झोंपड़ी के अंदर ही सो रहे थे। आग के कारण चाणक्य की मृत्यु तो निश्चित ही थी। कुछ ही देर में सारी झोंपड़ी जलकर राख हो गई।         सुबह चाणक्य के विरोधी वहाँ एकत्रित हुए और आपस में बातें करने लगे। एक बोला, ‘‘देखा, आखिर मर ही गया न।’’ दूसरा बोला, ‘‘वह तो देख और जान लिया, लेकिन अब यह देखो कि इसने खजाना कहाँ छिपाया है। कही जलकर राख तो नही हो गया?’’ लोगों ने सोचा कि खजाना कुटिया के नीचे जमीन में गाड़ कर छुपा...