जीवन में अवसर की महत्वता
साधु और भगवान की यह कहानी एक बहुत ही प्रेरण प्रदान करने वाली कहानी हिंदी में है, जो कि हमें जीवन में अवसर की महत्वता समझाने मे सहायता करती है। यह मोटिवेशनल स्टोरी इन हिंदी न सिर्फ आत्मविश्वास बढ़ाती है अपितु यह भी बताती है कि अवसर पहचानने
की कहानी क्यों हर किसी के लिए जरूरी है। ऐसी शिक्षाप्रद कहानी हिंदी में हमें यह सीखाती है कि सही समय पर लिया गया निर्णय हमारे जीवन को बदल सकता है। इसलिए इस नैतिक कहानी हिंदी से मिलने वाली सीख प्रत्येक मानव के लिए उपयोगी है।
चिंता का कारण,असंतोष
एक नगर में एक साधु रहता था । साधु को अपनी भक्ति तथा भगवान पर बहुत विश्वास था । एक दिन उस नगर में बहुत बारिश हुई।जिससे नगर में बाढ आ गयी। वह साधु पेड़ के निचे बैठा था और भगवान का स्मरण कर रहा था। बाढ़ के कारण चारो तरफ पानी ही पानी भरा गया। नगर के सब लोग बचने के लिए नगर से बाहर पास के पहाड़ की ओर भागने लगे।
तभी उनमे से एक व्यक्ति ने देखा कि इस अवस्था में भी साधु जी भगवान की तपस्या कर रहे है। उस व्यक्ति ने सोचा कि ये अपने आप को बचाने के लिए नगर छोड कर कही जा क्यों नहीं रहे है । व्यक्ति ने साधु से बोला “अरे आप कही जा क्यों नहीं रहे हो । हम सब नगरवासी पहाड की ओर जा रहे।आप भी मेरे साथ ऊपर पहाड़ की चलो। नहीं तो डूब जाओगे”।
साधु बोले अरे हमें क्या होगा । मैं भगवान की इतनी तपस्या करता हूँ ।मुझे कुछ नहीं हो सकता। मुझे बचाने के लिए भगवान स्वयं आयेगा।
धीरे धीरे जल स्तर बढता जा रहा था । पानी साधु के कमर तक आ गया।नगर के बचे खुचे लोग वहाँ से नाव लेकर निकलने लगे । तभी उनमे से एक सज्जन ने साधु से कहा साधु महाराज जलस्तर बढता जा रहा है।पानी आपके कमर तक आ गया है। आप हमारे साथ चलिए। इस पर साधु ने कहा नहीं-नहीं भगवान मुझे अपने आप बचाएगा । यह सुनकर वह नाव वाला भी वहाँ से चला गया।
कुछ देर बाद पानी स्तर और भी बढ गया।और इतना बढ़ गया कि साधु के गले तक पहुंच गया । किन्तु वहा कुछ लोग और भी फंसे थे। अब लोगो को हेलीकाॅप्टर से बचाने लगे। कुछ ही देर में सभी नगर वासी को सुरक्षित जगह पर पहुंचा दिया गया।एक हेलीकाॅप्टर साधु के पास आया जो की आखरी हेलीकाॅप्टर था साधु के पास निचे रस्सी फेंकी और बोला इसे पकड़ो और ऊपर आ जाओ नहीं तो आप डूब जाओगे यह आखरी हेलीकाॅप्टर है और आपके पास बचने का कोई और रास्ता नहीं है।
साधु ने कहा आप यह रस्सी वापस ऊपर खींच लो। और आप चले जाओ। मुझे भगवान के ऊपर पूरा भरोसा है ।वह मुझे बचने अवश्य आयेगा। पानी का स्तर ऊपर आ गया ।पेड़ पौधे डूब गया और साधु की भी डूबने से मौत हो गयी।
मरने के उपरान्त साधु भगवान के पास पहुंचा और बोला हे भगवान मैंने पूरी जीवन आपकी तपस्या की है। मेरा सम्पूर्ण जीवन आपकी आराधना करने में लग गया। विपत्ती के समय भरोसे के साथ आपका प्रतीक्षा करता रहा कि तुम मुझे बचने आओगे । लेकिन वहाँ डूब कर मेरी मृृृृत्यु हाेे गयी और तुम नहीं आये ।ऐसा क्यों।
भगवान बोले मुर्ख इंसान मै एक नहीं तीन बार आया था। पहला पैदल चलते हुए, दूसरा नाव पर, और तीसरा हेलीकाप्टर के द्वारा ।लेकिन तुमने मुझे एक बार भी नहीं पहचाना । मैै तो इसी तरह सहायता करने आता हुं। पता नहीं किसका तू इंतजार कर रहा था।
इस प्रकार जिंदगी में हमें परमात्मा बहुत से अवसर देता रहता है ।लेकिन हम सब उस अवसर को ठुकराकर पता नहीं किस चीज़ का इंतजार कर रहे होते है। एक के बाद एक कई मौका हाथ से निकल जाता है और हम कुछ नहीं कर पाते है।
तो किसी भी अच्छे समय का इंतजार मत करो जो भी करना है आज और अभी से ही शुरु कर दो।

दान और त्याग की सच्ची कथा
निष्कर्ष
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