जीवन की सच्चाई
जीवन में हमेशा जो हमें दिखाई देता है, वह पूरा सच नहीं होता। हम आज आपके
साथ एक ऐसी ही दिल को छू लेने वाली कहानी (Heart
touching story in Hindi) साझा कर रहे हैं, जो
हमें दिखावा बनाम वास्तविकता (Appearance
vs Reality story) के मध्य का गहरा अंतर समझाती है। एक प्रोफेसर और छात्र की कहानी (Professor and student story
on life) के द्वारा बताई गई यह कहानी, एक डूबते जहाज की कहानी (Sinking ship story Hindi) से प्रारंभ होती है, जो आरंभिक तौरपर एक गलतफहमी पर आधारित
कहानी (Story based on misunderstanding) लगती है।
लेकिन जैसे-जैसे एक डायरी के पन्नों से परतें खुलती हैं, पति का त्याग और बलिदान सामने आता है,
जो इसे एक मर्मस्पर्शी हिंदी कहानी (Touching
Hindi Story) बना देता है। यह जीवन का
सबक सिखाने वाली कहानी (Life lesson story) हमें
प्रेरित करती है कि हम बिना जाने निर्णय न लें (Don't
judge without knowing) और रिश्तों की
जटिलता को समझने के उपरान्त ही निर्णय लें।
एक प्रध्यापक
अपनी व्याख्यान के दौरान एक story सुना रहे थे।
एक बार समन्दर के बीचो बीच एक बड़े जहाज पर भयानक दुर्घटना हुई। और जहाज डू्बने
लगा। कप्तान ने खतरे को भांपते हुए शिप को खाली करने का
आदेश दिया।उस जहाज पर एक युवा दम्पति भी मौजुद थे।
जब लाइफबोट पर चढ़ने का उनका नम्बर आया तो देखा कि
नाव पर केवल एक ही व्यक्ति के लिए स्थान शेष है। इस मौके पर आदमी ने अपनी पत्नी
को धक्का दिया और नाव पर कूद गया।डूबते हुए जहाज पर खड़ी औरत ने जाते हुए अपने पति से चिल्लाकर एक वाक्य कहा।
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अब कहानी को प्रोफसर ने यही रोककर विद्यार्थीयों से पूछा- तुम लोगों को क्या लगता है, उस स्त्री ने अपने पति से क्या कहा होगा? ज्यादातर students फ़ौरन चिल्लाये- स्त्री ने कहा होगा- मैं तुमसे नफरत करती हूँ!
तभी प्रोफसर ने देखा एक विद्यार्थी एकदम शांत बैठा हुआ था, प्रोफेसर ने उससे पूछा कि तुम बताओ तुम्हे क्या लगता है? वो लड़का बोला- मुझे लगता है, औरत ने कहा होगा हमारे बच्चे का ख्याल रखना। जवाब सुनकर प्रो्फसर को आश्चर्य हुआ,और उन्होंने लड़के से पूछा- क्या तुमने यह कहानी पहले सुन रखी थी? लड़का बोला- नहीं सर, किन्तु यही बात बीमारी से मरती हुई मेरी माँ ने मेरे पिता से कही थी।
प्रोफेसर ने दुखी मन से कहा- तुम्हारा उत्तर बिल्कुल
सही है!
प्रोफसर ने कहानी आगे
बढ़ाते हुए कहा –अंतत:
जहाज डूब गया, स्त्री मर गयी, पति किनारे पहुंचा और उसने अपना शेष जीवन अपनी एकमात्र पुत्री के
लालन-पालन में लगा दिया. कई वर्ष बीत गये । वो व्यक्ति भी मर गया।
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एक दिन सफाई करते हुए उसकी बेटी को पिता की एक
डायरी मिली। डायरी पढकर पता चला कि जिस समय उसके माता-पिता उस जहाज पर सफर कर रहे
थे, तो उसकी माँ एक जानलेवा बीमारी से ग्रस्त थी, और उसके जीवन के कुछ दिन ही शेष थे। ऐसे कठिन मौक पर
उसके पिता ने एक कठोर निर्णय लिया और लाइफबोट पर कूद गया। उसके पिता ने डायरी में
लिखा था- तुम्हारे बिना मेरे जीवन का कोई उद्देश्य नहीं, मैं तो तुम्हारे साथ ही समंदर में समा जाना चाहता था। लेकिन अपनी संतान का
ख्याल आने पर मुझे तुमको अकेले छोड़कर जाना पड़ा। जब प्रोफेसर ने कहानी समाप्त की, तो पूरी क्लास में शांति थी।
इस संसार में बहुत सारी
सही गलत बातें हैं लेकिन उसके अतिरिक्त भी कई जटिलताये भी है,जो आमतौर पर दिखाई नही देती. जिन्हें समझना आसान नहीं। इसीलिए बिना गहराई को जाने-समझे हर परिस्थिति का
एकदम सही आकलन नहीं किया जा सकता। - जरूरी नहीं है कि कलह होने पर जो पहले माफी
मांगे, उसी की गलती हो। हो सकता है वो संबंध को बनाये
रखना ज्यादा महत्वपूर्ण समझता हो।
डायरी के पन्नों ने उस अनकहा सच (Untold truth story) को दुनिया के सामने ला दिया, जिसे लोग पति को स्वार्थी समझ बैठे थे। यह सिर्फ एक डूबते जहाज की कहानी (Sinking ship story Hindi) नहीं थी, बल्कि एक पति का त्याग और बलिदान (Story of sacrifice) था, जो उसने अपनी जानलेवा बीमारी से जूझ रही पत्नी केा खो कर और बच्चे के भविष्य के लिए किया। यह दिल को छू लेने वाली कहानी (Heart touching story in Hindi) से साबित होता है कि यह कोई गलतफहमी पर आधारित कहानी (Story based on misunderstanding) नहीं है, बल्कि एक पति-पत्नी के प्रेम की सच्ची कहानी (True story of husband wife love) थी, जिसने एक मर्मस्पर्शी हिंदी कहानी (Touching Hindi Story) के रूप में बहुत कुछ समझाती है।

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